मध्यप्रदेश सरकार ने बाबा अखिलेश्वरानंद को दिया कैबिनेट मंत्री का दर्जा
राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश गोपालन एवं संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष बाबा अखिलेश्वरानंद को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया है। इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। पूर्व में बाबा अखिलेश्वरानंद को जीएडी द्वारा जारी किए गए आदेश में त्रुटिवश राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने संबंधी आदेश जारी कर दिए गए थे, जिसे संशोधित कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
मध्य प्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्द्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद राज्य सरकार की नर्मदा सेवा यात्रा के संयोजक भी रहे हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कुछ महीने पहले 'नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' निकालने की घोषणा करने वाले कंप्यूटर बाबा और पंडित योगेंद्र महंत, भय्यूजी महाराज, नर्मदानंद महाराज, हरिहरनंद महाराज को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने नर्मदा नदी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया था। यह समिति नर्मदा नदी के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए बनाई गई है।
वहीं साधु-सन्यासियों को राज्य मंत्री का दर्जा देने पर विपक्ष ने मध्य प्रदेश सरकार को लगातार निशाना बनाया था। साथ ही बीजेपी में भी विरोध के सुर फूटने लगे थे। पार्टी के कुछ लोगों का कहा था कि मुख्यमंत्री ने 5 लोगों का समर्थन पाने के लिए 500 लोगों को पार्टी से दूर कर दिया है। इससे पार्टी को नुकसान ही होगा।
यहां देखें फोटो-http://v.duta.us/KJrwjgAA
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राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश गोपालन एवं संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष बाबा अखिलेश्वरानंद को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया है। इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। पूर्व में बाबा अखिलेश्वरानंद को जीएडी द्वारा जारी किए गए आदेश में त्रुटिवश राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने संबंधी आदेश जारी कर दिए गए थे, जिसे संशोधित कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
मध्य प्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्द्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद राज्य सरकार की नर्मदा सेवा यात्रा के संयोजक भी रहे हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कुछ महीने पहले 'नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' निकालने की घोषणा करने वाले कंप्यूटर बाबा और पंडित योगेंद्र महंत, भय्यूजी महाराज, नर्मदानंद महाराज, हरिहरनंद महाराज को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने नर्मदा नदी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया था। यह समिति नर्मदा नदी के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए बनाई गई है।
वहीं साधु-सन्यासियों को राज्य मंत्री का दर्जा देने पर विपक्ष ने मध्य प्रदेश सरकार को लगातार निशाना बनाया था। साथ ही बीजेपी में भी विरोध के सुर फूटने लगे थे। पार्टी के कुछ लोगों का कहा था कि मुख्यमंत्री ने 5 लोगों का समर्थन पाने के लिए 500 लोगों को पार्टी से दूर कर दिया है। इससे पार्टी को नुकसान ही होगा।
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